Tuesday 19 February 2019

सलाम वीर के माँ बाप तुम्हे सलाम

शर्म आती है उन आँखों पर देख रहे थे लहराते झंडा पकिस्तान का
कट जाने चाहिए वो हाथ देश मैं लहराया झंडा पकिस्तान का
गले विध  जाने  चाहिए  उनके जिन्होंने  गीत गया पकिस्तान का
मुंड लटक जाने चाहिए उनके सलाम किया जिन्होंने पकिस्तान का
इस देश की हवा भी न मिले साँस लेने को
अन्न भी न हो इस देश का उसके आस पास
जो खुली हवा मैं सांस लेने आते हैं इस देश की

इसे कविता नहीं केवल मन का उबाल ही कहना
रह रह कर क्रोध चाहता है कुछ कहना
कैसे करू नमन देश के वीरों को
कैसे धीर धरेंगे खोया है जिन्होंने हीरों को 

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