नहीं भूलता बचपन
नही भूल पाता वो प्यारा सा बचपन
न्यारा सा बचपन हमारा वो बचपन
नही भूल पाता नन्हा सा बचपन
सदा याद रहता हमको वो बचपन
मिट्टी के अनगढ़ खिलौने बनाना
कॉपी के पन्नों से नावें बनाना
छोटी सी गुड़िया को दुल्हन बनाना
सहेली के गुड्डे से शादी रचाना
दीदी की चुन्नी को साड़ी बनाना
आंॅगन मंे कागज की तुरही बजाना
विदा करके गुड़िया को रोना रुलाना
जिद करके वापस वो गुड़िया को लाना
चिपका के छाती से उसको लगाना
वो हॅंसना वो रोना वो मांॅ का मनाना
बाबू की गोदी मे सोना सुलाना
दादी की बंॉहों का झूला बनाना
चीनी खटाई को चुपके से खाना
छत की मुंडेरांे पर कुदकी लगाना
डर कर के अम्मा का छाती लगाना
वो छिप्पन छिपाई पतंगें उड़ाना
नही लौट सकता हमारा वो बचपन
नही आयेगा फिर से प्यारा वो बचपन
बच्चांें के बचपन में देखेंगे बचपन
अनोखा वो बचपन प्यारा सा बचपन
बचपन की नन्ही सी यादें है जीवन
खट्टी सी मीठी सी यादेां की सीवन
तितली सी मंडराती फिरती वो यादें
आंॅखों में रहती हैं सपनीली यादें ।