Sunday 24 March 2024

नृत्य nati

 नृत्य नटी



नई नई पोषाकों के संग

धरती हंसती आती है

लाल लाल पीले फूलांे की

बालों मंे किलिप लगाती है

लहराती है जब अपना आंचल

हरियाली छा जाती है

नृत्य नटी बन ताली दे दे

अपना नृत्य दिखाती है

नयनों मे मादकता भरकर 

काम खिंचा आता है

हरे हरे पीले वस्त्रांे मंे

सजकर प्रकृति रिझाता है

पत्त्ेा देते ताल हवा तब

झूम झूम कर गाती है

उमग उमग कर मंजरिया

धंूघट से बाहर आती हैं।



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