मुकरियाँ
नैन चलावे नाच दिखावे
नये रूप घर मोहे रिझावे
बैठे रूप निहारे बीबी
क्यों सखि साजन
ना सखि टी वी
टेर सुनूं तो दौड़ी जाऊँ
वाके ढिंग बैठी बतराऊँ
हूक उठे जो है जाये मौन
ना सखि फोन।
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